गांव में परिवार का मिलन था। राहुल और उसकी फुआ की बेटी शालिनी सालों बाद मिले। बचपन में वो खेला करते थे। लेकिन, अब 24 साल का राहुल और 22 की शालिनी बड़े हो चुके थे। उनकी नज़रें अब मासूम नहीं थीं। फुआ की बेटी चुदाई की यह कहानी प्यार, ख्वाहिश, और गुप्त मुलाकातों की आग से भरी है।
शालिनी की हंसी और राहुल की गहरी नज़रें। दोनों के बीच कुछ तो था। गांव का पुराना घर, खेतों की हवा, और रातों का सन्नाटा। सब कुछ उनके दिलों को करीब ला रहा था। एक रात, छत पर अकेले मिलने का मौका मिला। और फिर, फुआ की बेटी की चूत चुदाई की कहानी शुरू हुई।
रात की छत और शालिनी की चूचियां
रात के 10 बज रहे थे। गांव में सन्नाटा था। परिवार वाले सो चुके थे। राहुल छत पर तारों को देख रहा था। तभी शालिनी आई। “राहुल, नींद नहीं आ रही,” उसने कहा। उसकी टाइट कुरती में चूचियां उभरी हुई थीं। राहुल की नज़रें टिक गईं।
“शालिनी, तू कितनी बदल गई है,” राहुल ने कहा। शालिनी मुस्कुराई। “तू भी तो,” उसने जवाब दिया। फिर, उनकी नज़रें मिलीं। हवा में ठंडक थी, पर उनके दिल गर्म थे। “तुझे याद है, हम बचपन में कैसे खेलते थे?” शालिनी ने पूछा। राहुल ने हंसकर कहा, “अब वो खेल नहीं, कुछ और चाहिए।”
शालिनी शरमाई। “क्या मतलब?” उसने शरारत से पूछा। राहुल पास आया। “तू समझती है,” उसने कहा। माहौल गर्म हो गया। फुआ की बेटी चुदाई की शुरुआत होने वाली थी।
पहला चुंबन और गुप्त ख्वाहिश
राहुल ने शालिनी का हाथ पकड़ा। उसने मना नहीं किया। उसकी सांसें तेज़ थीं। फिर, राहुल ने उसकी ज़ुल्फें हटाईं। धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। पहला चुंबन नरम और गर्म था। शालिनी सिहर उठी। उसने राहुल को पास खींच लिया।
राहुल ने शालिनी की कुरती के ऊपर से चूचियां छुईं। “राहुल… आह…” शालिनी की सिसकारी निकली। उसकी चूचियां गोल और नरम थीं। राहुल ने कुरती उतारी। शालिनी की ब्रा में क़ैद चूचियां चमक रही थीं। “तू इतनी सेक्सी है,” राहुल बोला। शालिनी ने शरमाते हुए कहा, “तू भी तो।”
शालिनी ने राहुल की शर्ट उतारी। उसका मज़बूत बदन देखकर शालिनी की ख्वाहिश बढ़ी। “राहुल, ये गलत है… पर अच्छा लग रहा है,” उसने कहा। राहुल ने उसे चुप कराया। “बस, ये हमारा राज़ है,” उसने कहा।
फुआ की बेटी की चूत का मज़ा
राहुल ने शालिनी को छत की दीवार से टिकाया। उसकी सलवार उतारी। शालिनी की गीली पैंटी दिख रही थी। “शालिनी, तू आग है,” राहुल बोला। उसने पैंटी उतारी। शालिनी की चूत चमक रही थी। राहुल ने अपनी उंगली अंदर डाली। “आह… राहुल…” शालिनी सिसकी। उसकी चूत गर्म थी।
शालिनी ने राहुल की पैंट खोली। उसका तना हुआ लंड बाहर आया। “इतना बड़ा…” शालिनी ने शरमाते हुए कहा। उसने लंड को सहलाया। राहुल पागल हो रहा था। “शालिनी, अब रुक नहीं सकता,” उसने कहा। उसने शालिनी की जांघें खोलीं। अपना लंड चूत के पास रखा।
“राहुल, आराम से… मैं डर रही हूँ,” शालिनी बोली। राहुल ने उसकी आंखों में देखा। “ट्रस्ट मी,” उसने कहा। धीरे से लंड अंदर डाला। शालिनी ने होंठ काटे। “हम्म… आह…” दर्द मज़े में बदला। फुआ की बेटी चुदाई का नशा चढ़ रहा था।
चुदाई की रफ्तार और चरमसुख
राहुल ने रफ्तार बढ़ाई। छत की ठंडी हवा उनकी गर्मी को और भड़का रही थी। शालिनी की सिसकारियां गूंज रही थीं। “राहुल… और तेज़… आह…” शालिनी चिल्लाई। उसकी चूचियां हर झटके के साथ हिल रही थीं। राहुल ने शालिनी को गोद में उठाया। उसे और गहराई से चोदा।
“शालिनी, तू मुझे पागल कर देगी,” राहुल बोला। शालिनी ने उसे पास खींचा। “राहुल, मैं तेरी हूँ,” उसने कहा। 20 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों चरम पर पहुंचे। “मैं आ रहा हूँ…” राहुल चिल्लाया। “मेरे अंदर… आह…” शालिनी बोली। दोनों ने चरमसुख पाया।
लिपटकर बैठे, दोनों की सांसें तेज़ थीं। तारे चमक रहे थे। “ये हमारा राज़ है, शालिनी,” राहुल ने कहा। शालिनी ने मुस्कुराकर सिर हिलाया। “हमेशा,” उसने जवाब दिया।
गुप्त मुलाकातों का सिलसिला
यह सिर्फ़ शुरुआत थी। राहुल और शालिनी की फुआ की बेटी चुदाई अब रेगुलर हो गई। गांव में रहते हुए वो मौके ढूंढते। कभी खेतों में, कभी पुराने गोदाम में। उनकी ख्वाहिशें और गहरी होती गईं। शालिनी की चूत और राहुल का लंड एक-दूसरे के लिए बने थे।
एक दिन, खेतों में दोनों अकेले थे। शालिनी ने राहुल को पेड़ के पीछे खींचा। “आज कुछ नया करें?” उसने शरारत से कहा। राहुल ने उसे घास पर लिटाया। उसकी सलवार उतारी। शालिनी की चूचियां धूप में चमक रही थीं। राहुल ने उसे पीछे से पकड़ा। “शालिनी, तू जादू है,” उसने कहा।
“राहुल… और ज़ोर से…” शालिनी सिसकी। राहुल ने पूरी ताकत लगाई। शालिनी की चूत हर झटके को अपनाती थी। 15 मिनट बाद, दोनों फिर चरम पर पहुंचे। “शालिनी… तू कमाल है…” राहुल बोला। शालिनी हंस पड़ी। “तू भी तो,” उसने कहा।
प्यार या सिर्फ़ चुदाई?
राहुल और शालिनी का रिश्ता गहरा हो गया। गांव में वो सावधान थे। परिवार को शक न हो, इसका ध्यान रखते। लेकिन, रातें उनकी थीं। क्या ये सिर्फ़ चुदाई थी? या प्यार भी था? शालिनी को राहुल की हर बात अच्छी लगती थी। राहुल को शालिनी की हर अदा। लेकिन, परिवार और समाज का डर था।
एक रात, शालिनी ने राहुल से पूछा, “राहुल, ये कब तक चलेगा?” राहुल ने उसका हाथ थामा। “जब तक हम चाहें,” उसने कहा। शालिनी की आंखें चमकीं। “तो हमेशा,” उसने जवाब दिया। उनकी फुआ की बेटी चुदाई अब एक गुप्त प्यार की कहानी थी।
और गहरे में डूबें
गांव से शहर लौटने का समय आया। लेकिन, राहुल और शालिनी का रिश्ता थमा नहीं। वो फोन पर बात करते। कभी-कभी शहर में मिलते। उनकी चुदाई हर बार नई थी। एक बार, शालिनी ने राहुल को अपने फ्लैट पर बुलाया। “आज मैं कंट्रोल करूंगी,” उसने शरारत से कहा। राहुल हंस पड़ा। “चल, दिखा,” उसने कहा।
शालिनी ने राहुल के लंड को चूसा। उसकी चूत को राहुल के चेहरे पर रगड़ा। “शालिनी… तू जादूगरनी है…” राहुल सिसका। 30 मिनट की चुदाई के बाद, दोनों थककर लेट गए। “शालिनी, तू मेरी ज़िंदगी है,” राहुल बोला। शालिनी ने उसे चूमा। “और तू मेरी,” उसने कहा।
उनका रिश्ता गुप्त था। लेकिन, उनकी ख्वाहिशें खुली थीं। फुआ की बेटी चुदाई की ये कहानी प्यार और आग का मेल थी। और ऐसी हॉट देसी चुदाई स्टोरीज पढ़ने के लिए, यहाँ क्लिक करें।
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