उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में गणेश चतुर्थी का उत्सव चल रहा था। अक्षय, 26 साल का इंजीनियर, और उसकी पड़ोसी लड़की प्रिया, 22 साल की कॉलेज स्टूडेंट। दोनों की नज़रें गली के पंडाल में टकराती थीं। पड़ोसी चुदाई की यह कहानी प्यार, ख्वाहिश, और गुप्त मुलाकातों की आग से भरी है।
प्रिया की टाइट चूड़ीदार में उभरी चूचियां और अक्षय की शरारती मुस्कान। दोनों के बीच कुछ तो चल रहा था। उत्सव की रंग-बिरंगी रातें, भक्ति गीत, और गली का माहौल। सब कुछ उनके दिलों को करीब ला रहा था। एक रात, पंडाल के बाद, दोनों अकेले रह गए। और फिर, पड़ोसी चुदाई की कहानी शुरू हुई।
उत्सव की रात और प्रिया की चूचियां
रात के 11 बज रहे थे। पंडाल की भीड़ छंट चुकी थी। गली में सन्नाटा था। अक्षय अपने घर की छत पर था। तभी प्रिया आई। “अक्षय, नींद नहीं आ रही?” उसने पूछा। उसकी चूड़ीदार में चूचियां उभरी थीं। अक्षय की नज़रें टिक गईं।
“प्रिया, तू बहुत खूबसूरत लग रही है,” अक्षय ने कहा। प्रिया शरमाई। “ऐसा मत बोल,” उसने जवाब दिया। फिर, उनकी नज़रें मिलीं। रात की ठंडी हवा थी। लेकिन, उनके दिल गर्म थे। “तुझे उत्सव कैसा लगा?” अक्षय ने पूछा। प्रिया ने मुस्कुराकर कहा, “तेरे साथ अच्छा लग रहा है।”
प्रिया ने हिम्मत की। “तू मुझे अच्छा लगता है,” उसने कहा। अक्षय का दिल ज़ोर से धड़का। पड़ोसी चुदाई की शुरुआत होने वाली थी।
पहला चुंबन और गुप्त ख्वाहिश
अक्षय ने प्रिया का हाथ पकड़ा। उसने मना नहीं किया। उसकी सांसें तेज़ थीं। फिर, अक्षय ने उसकी ज़ुल्फें हटाईं। धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। पहला चुंबन नरम और गीला था। प्रिया सिहर उठी। उसने अक्षय को पास खींच लिया। “अक्षय… ये गलत है…” उसने कहा। लेकिन, उसकी आँखें कुछ और बोल रही थीं।
अक्षय ने प्रिया की चूड़ीदार का दुपट्टा हटाया। उसकी चूचियां कुर्ती में क़ैद थीं। “प्रिया… आह…” उसने कहा। उसने कुर्ती उतारी। प्रिया की ब्रा में नरम चूचियां चमक रही थीं। अक्षय ने ब्रा उतारी। उसने निप्पल्स को चूमा। प्रिया की सिसकारी निकली। “अक्षय… मज़ा आ रहा है…”
प्रिया ने अक्षय की टी-शर्ट उतारी। उसका मज़बूत बदन देखकर प्रिया की ख्वाहिश बढ़ी। “अक्षय, तू इतना हॉट है,” उसने शरमाते हुए कहा। अक्षय ने हंसकर उसे चुप कराया। “तू भी तो,” उसने कहा।
पड़ोसी चुदाई की गर्मी
अक्षय ने प्रिया को छत की दीवार से टिकाया। उसकी चूड़ीदार उतारी। प्रिया की गीली पैंटी दिख रही थी। “प्रिया, तू आग है,” अक्षय बोला। उसने पैंटी उतारी। प्रिया की चूत चमक रही थी। अक्षय ने अपनी उंगली अंदर डाली। “आह… अक्षय…” प्रिया सिसकी। उसकी चूत गर्म थी।
प्रिया ने अक्षय की जींस खोली। उसका तना हुआ लंड बाहर आया। “इतना बड़ा…” प्रिया ने शरारत से कहा। उसने लंड को सहलाया। अक्षय पागल हो रहा था। “प्रिया, अब रुक नहीं सकता,” उसने कहा। उसने प्रिया की जांघें खोलीं। अपना लंड चूत के पास रखा।
“अक्षय, आराम से… मैं डर रही हूँ,” प्रिया बोली। अक्षय ने उसकी आँखों में देखा। “ट्रस्ट मी,” उसने कहा। धीरे से लंड अंदर डाला। प्रिया ने होंठ काटे। “हम्म… आह…” दर्द मज़े में बदला। पड़ोसी चुदाई का नशा चढ़ रहा था।
चुदाई की रफ्तार और चरमसुख
अक्षय ने रफ्तार बढ़ाई। छत की ठंडी हवा उनकी सिसकारियों से मिल रही थी। “अक्षय… और तेज़… आह…” प्रिया चिल्लाई। उसकी चूचियां हर झटके के साथ उछल रही थीं। अक्षय ने प्रिया को गोद में उठाया। उसे और गहराई से चोदा।
“प्रिया, तू मुझे पागल कर देगी,” अक्षय बोला। प्रिया ने उसे पास खींचा। “अक्षय, मैं तेरी हूँ,” उसने कहा। 20 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों चरम पर पहुंचे। “मैं आ रहा हूँ…” अक्षय चिल्लाया। “मेरे अंदर… आह…” प्रिया बोली। दोनों ने चरमसुख पाया।
लिपटकर बैठे, दोनों की सांसें तेज़ थीं। तारे चमक रहे थे। “ये हमारा राज़ है, प्रिया,” अक्षय ने कहा। प्रिया ने मुस्कुराकर सिर हिलाया। “हमेशा,” उसने जवाब दिया।
गुप्त मुलाकातों का सिलसिला
यह सिर्फ़ शुरुआत थी। अक्षय और प्रिया की पड़ोसी चुदाई अब रेगुलर हो गई। उत्सव के बाद वो मौके ढूंढते। कभी अक्षय के घर, कभी प्रिया की छत पर। उनकी ख्वाहिशें और गहरी होती गईं। प्रिया की चूत और अक्षय का लंड एक-दूसरे के लिए बने थे।
एक रात, अक्षय के घर में दोनों अकेले थे। प्रिया ने अक्षय को बेड पर खींचा। “आज मैं कंट्रोल करूंगी,” उसने शरारत से कहा। अक्षय हंस पड़ा। “चल, दिखा,” उसने कहा। प्रिया ने अक्षय के लंड को चूसा। उसकी चूत को अक्षय के चेहरे पर रगड़ा। “प्रिया… तू जादूगरनी है…” अक्षय सिसका।
15 मिनट की चुदाई के बाद, दोनों फिर चरम पर पहुंचे। “प्रिया… तू कमाल है…” अक्षय बोला। प्रिया हंस पड़ी। “तू भी तो,” उसने कहा। उनकी चुदाई हर बार नई थी। लेकिन, वो सावधान थे। पड़ोसियों को शक न हो, इसका ध्यान रखते।
प्यार या सिर्फ़ चुदाई?
अक्षय और प्रिया का रिश्ता गहरा हो गया। गली में वो दोस्तों की तरह बात करते। लेकिन, रातें उनकी थीं। क्या ये सिर्फ़ चुदाई थी? या प्यार भी था? प्रिया को अक्षय की हर बात अच्छी लगती थी। अक्षय को प्रिया की हर अदा। लेकिन, परिवार और समाज का डर था।
एक रात, प्रिया ने अक्षय से पूछा, “अक्षय, ये कब तक चलेगा?” अक्षय ने उसका हाथ थामा। “जब तक हम चाहें,” उसने कहा। प्रिया की आँखें चमकीं। “तो हमेशा,” उसने जवाब दिया। उनकी पड़ोसी चुदाई अब एक गुप्त प्यार की कहानी थी।
और गहरे में डूबें
उत्सव खत्म हुआ। लेकिन, अक्षय और प्रिया का रिश्ता थमा नहीं। वो छुपकर मिलते। कभी प्रिया के घर, कभी गली के पीछे। उनकी चुदाई हर बार जादुई थी। एक बार, प्रिया ने अक्षय को अपनी छत पर बुलाया। “आज कुछ नया करें,” उसने शरारत से कहा।
अक्षय ने प्रिया को बिस्तर पर लिटाया। उसकी चूचियां चूसीं। प्रिया की चूत को जीभ से सहलाया। “अक्षय… तू मुझे मार डालेगा…” प्रिया सिसकी। 30 मिनट की चुदाई के बाद, दोनों थककर लेट गए। “प्रिया, तू मेरी ज़िंदगी है,” अक्षय बोला। प्रिया ने उसे चूमा। “और तू मेरी,” उसने जवाब दिया।
उनका रिश्ता गुप्त था। लेकिन, उनकी ख्वाहिशें खुली थीं। पड़ोसी चुदाई की ये कहानी प्यार और आग का मेल थी। और ऐसी हॉट देसी चुदाई स्टोरीज पढ़ने के लिए, यहाँ क्लिक करें।
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